विरोध प्रदर्शन
वोह खाली ट्रेने ,
वोह सुमसान रोड,
वोह दिल में छुपा हुआ डर और,
मोबाइल में पड़े हुए कुछ मिसकॉल्स।
क्या हुआ अचानक ?
जो बसे टूट रही है,
कुछ गाड़ी या रुकवाई जा रही है ,
क्यों पूछा जा रहा है किस जात के हो ?
अरे सब कुछ तो ठीक था,
गले मिल रहे थे,
कुछ दिनों पहले ,
नाचते गाते एक साथ ही तो,
नया साल का स्वागत किया था।
लगता है मे शायद सपना
ही देख रहा हु , क्योकि,
मेरी मुम्बई ऐसी नई थीं,
शायद,जब आखे खुलेगी तो,
फिर दोडने लगेंगे लोग,
ट्रैन सारी भर ने लगेगी।
और फिर इस भीड़-भाड़ में
सूरज उठ के फिर डूब जाएगा!
पर आँख खुले
तोह पता चले !
पर एक सवाल अभी भी है मनमें,
जिंदा जलजाने के बाद आखे खुलती है क्या?
वोह सुमसान रोड,
वोह दिल में छुपा हुआ डर और,
मोबाइल में पड़े हुए कुछ मिसकॉल्स।
क्या हुआ अचानक ?
जो बसे टूट रही है,
कुछ गाड़ी या रुकवाई जा रही है ,
क्यों पूछा जा रहा है किस जात के हो ?
अरे सब कुछ तो ठीक था,
गले मिल रहे थे,
कुछ दिनों पहले ,
नाचते गाते एक साथ ही तो,
नया साल का स्वागत किया था।
लगता है मे शायद सपना
ही देख रहा हु , क्योकि,
मेरी मुम्बई ऐसी नई थीं,
शायद,जब आखे खुलेगी तो,
फिर दोडने लगेंगे लोग,
ट्रैन सारी भर ने लगेगी।
और फिर इस भीड़-भाड़ में
सूरज उठ के फिर डूब जाएगा!
पर आँख खुले
तोह पता चले !
पर एक सवाल अभी भी है मनमें,
जिंदा जलजाने के बाद आखे खुलती है क्या?
Last line...👌👌
ReplyDeleteThank you
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