नया बसेरा
नया बसेरा
उन शाखों पे नया बसेरा बनाते हुए,
वोह पंछी भी सोच रहे थे,की येह कहा आ गए है हम?
क्यों लग रही है येह जगह खाली-खाली?
कहा गए वोह लोग ,
जिन्हें सुबह ऑफ़िस भी जाना है!
कहा गई वोह चीखती चिल्लाती ट्रेने,
जिन्हें दूर बसे लोगो को चर्चगेट तक, ले कर भी आना है!
कुछ दिन वहां गुझारने के बाद
मादा पंछी ने नर पंछी से आखिर केह ही दिया,
अजी सुनते हो?
जी बिल्कुल भी पसंद नही आया येह घर मुझे!
यहाँ रात का सन्नाटा मुझे सोने नही देता,
येह फूलो की खुशबु तो जान ही ले लेती है!
और येह पेड़ पे लटकते फलो में
वोह कूड़े के खाने जैसी मझा कहा ?
मेरा तोह यही सोचके जी घबरा रहा है,
की क्या हम,
जंगल में तोह नही आ गए है ?????
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